शरारती चिंटू और चींटी की कहानी

दूर कहीं एक गांव था। उसे गांव के पास एक जंगल भी था। और उसे गांव में चिंटू नाम का एक शरारती बच्चा रहता था। चिंटू बहुत ही शरारती बच्चा था, वह गांव वालों को रोज परेशान किया करता था और तो और वह छोटी-छोटी चींटियों को भी परेशान किया करता। चिंटू कभी चींटियों के घर को तोड़ दिया करता था, तो कभी उनके घर में पानी डाल दिया करता था। चीटियां चिंटू से बहुत परेशान हो गए थे।
शरारती चिंटू और चिंटू

चींटी और शरारती चिंटू की कहानी

एक दिन की बात है जब सभी चीटियां अपने घर में आराम कर रहे थे तब चिंटू पास के जंगल में जा कर एक पेड़ के पास छप गया क्योंकि उस जंगल में एक तालाब था, जहां रोज हाथी नहाने आया करते थे आज भी वह हाथी का झुंड नहाने आए थे। उन हाथियों को नहाते देखकर चिंटू छप गया था और हाथियों के जाने का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद हाथी चले गए या, देख कर चिंटू बोल ?

चिंटू :- सभी हाथी अब चले गए हैं चलो अब मैं इस थैली में पानी भरता हूं और उन चींटियों के घर में यह सारा का सारा पानी डाल दूंगा। हां! हां! हा!

इतना कहकर चिंटू बहुत जोर-जोर से हंसने लगा। अपने थैली में पानी भरने के बाद वह चिंटू गांव कि और चला गया। थोड़ी ही देर में चिंटू गांव के पास चिड़ियों के बल के पास पहुंचा और शरारती चिंटू ने अपने थैली में जमा किया हुआ सारा का सारा पानी चीटियों के बिल में डाल दिया और अंदर सभी चीटियां बहुत परेशान हो गए और इधर-उधर भागने लगे। चीटियों को इधर-उधर भागते हुए देखकर चिंटू बहुत खुश हो गया और जोर-जोरों से हंसने लगा। शरारती चिंटू को इस तरह हंसते हुए देखकर चींटी के राजा ने मुझे में बोला?

राजा जी :- ए इंसान तुम हमें रोज ऐसे ही परेशान करते रहते हो और परेशान कर कर जोर-जोरों से हंसते रहते हो एक ना एक दिन मैं तुम्हें जरूर सबक सिखाऊंगा देख लेना।

चिंटू :- अरे जा तू तो इतना छोटी सी है तू मेरा क्या बिगाड़ लगी चल भाग जा यहां से। ह! ह! ह!

यह कहकर चिंटू बहुत हंसने लगा। कहीं ना कहीं चीटियों के राजा को बहुत गुस्सा आ रहा था क्योंकि शरारती चिंटू उनके घर को कभी तोड़ दिया करता तो कभी पानी से ऐसे ही डालकर उनके घर को पानी में भीगा दिया करता था। चीटियों के राजा ने ठान लिया था कि इस शरारती चिंटू को सबक सिखा के ही रहेगा। इसलिए वह कुछ देर में एक तरकीब सोच ली और अपने सभी सैनिक ऑन को बुलाया और उनसे बोला ?

राजा :- देखो साथियों यह शरारती चिंटू हमें रोज ऐसे ही परेशान करता है। इसीलिए मैंने एक योजना बनाई है, जिससे हम इस शरारती चिंटू को हम सबक सिखा सकते हैं।

सेनापति :- जी राजा जी हम ऐसे ही करेंगे। अब बताइए कि इस शरारती चिंटू को हम किस तरह से सबक सिखा सकते हैं। रोज-रोज यूं अपने घर को टूटता हुआ, बहता हुआ अब हम नहीं देखना चाहते हैं।

राजा :- तो सभी ध्यान से सुनो! जब ये शरारती चिंटू रात में सो जाए, तो तुम में से कोई एक सैनिक उसके रूम में जाएगा और चुपके से उसके कान में घुस जाएगा। जाने के बाद तुम्हें चिंटू के कान के अंदर काटना है तो सभी सहमत हैं, इस बात से।

सभी चीटियों ने राजा की बात में मंजूरी दे दी और एक चींटी राजा की योजना के हिसाब से शरारती चिंटू के सोते ही उसके कान के अंदर जाकर शरारती चिंटू को काटने लगा। दर्द के कारण चिंटू नींद से जाग गया, और चिल्लाने लगा ?

चिंटू :- कौन गुस्सा है मेरे कान के अंदर बाहर आओ! बाहर आओ!

यह कहकर चिल्लाने लगा या सुनकर भी वह चींटी बाहर नहीं आया और जोरो जोरो से काटने लगा।

चिंटू :- मुझे बचाओ! मुझे बचाओ! कौन है बाहर निकालो। हूं! हुं! हुं!

शरारती चींटी को इस तरह रोते हुए देखकर चींटी बाहर आ गई। चिंटू सिटी को देखकर बहुत हैरान हो गया, और वह सिटी से माफी मांगते हुए बोला?

चिंटू :- मुझे माफ कर दो चींटी की अब मैं आपको कभी भी परेशान नहीं करूंगा और तो और अब से मैं किसी को भी परेशान नहीं करूंगा। और मैं आपकी घर को वापस पहले जैसा बनने में आपकी मदद करूंगा।

फिर चिंटू ने किसी को भी परेशान नहीं किया और वह वीडियो के घर को वापस पहले जैसा बनने में मदद करने लगा। थोड़ी ही देर में चीटियों की घर को वापस पहले जैसा बन गया। यह देखकर चीटियों के राजा बहुत खुश हुए और चिंटू को माफ कर दिया। फिर सभी चींटी अपने घर में हंसी-खुशी रहने लगे।

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