हेलो दोस्तों ! आज की कहानी में आप सभी का स्वागत है। आज की कहानी का नाम है भूतिया होटल में आया एक यात्री यह एक डरावनी कहानी है। अगर आपको हिंदी कहानी डरावनी कहानी और भी बहुत सारी कहानी पढ़ने का शौक है तो आपको इस वेबसाइट पर हर तरह की कहानी मिल जाएगी तो आप जाकर पढ़ सकते हैं।
भूतिया होटल में आया एक यात्री डरावनी कहानी । Bhutiya Hotel ki kahani
दूर कहीं हाईवे के रास्ते में एक होटल था उस होटल का नाम मनोरंजन होटल था वह होटल एक अनोखी और भयानक होटल थी जो कोई भी वहां जाता उसे वहां अनोखा और डरावना महसूस होता था । एक रात उस होटल के हाईवे में एक गाड़ी आकर रुक गई उस गाड़ी में एक आदमी था उस आदमी ने अपनी गाड़ी से उतरकर चेक किया तो उसका गाड़ी खराब हो गया था।
फिर उसने आसपास देखा तो उसे वही सामने मनोरंजन होटल दिखाइ दिया तो फिर वह यात्री उस होटल में गया वह जाने के बाद उसे डर महसूस होने लगा। लेकिन बाहर बहुत अंधेरा था तो इसीलिए वह यात्री उसी होटल में रुक जाता है।
फिर उसने आसपास देखा तो उसे वही सामने मनोरंजन होटल दिखाइ दिया तो फिर वह यात्री उस होटल में गया वह जाने के बाद उसे डर महसूस होने लगा। लेकिन बाहर बहुत अंधेरा था तो इसीलिए वह यात्री उसी होटल में रुक जाता है।
लेकिन थोड़ी ही देर बाद उसने आधी रात में कुछ आवाज सुनकर वह जाग गया लेकिन उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह किस प्रकार का आवाज है तो उसने अपने बिस्तर से उठकर अपने कमरे से बाहर उस आवाज की ओर गया वह आवाज बहुत ही डरावनी थी लेकिन जैसे ही वह अपने कमरे से बाहर निकला।
फिर उसे अपने ही कमरे से डरावनी आवाजे आने लगी तो उसने एक बार अपने कमरे को मूड कर देखा। उसने देखा की कमरे में देखा कि उसके कमरे के कोने में एक काली परछाई है और वह काली परछाई धीरे-धीरे एक विचित्र से इंसान में बदल गया।
भूतिया होटल में आया एक यात्री डरावनी कहानी । Bhutiya Hotel ki kahani
उसकी आंखें लाल थी और उसका मुंह रक्त से भरा हुआ था। यह देखकर वह यात्री बहोत डर गया और बहुत जोरो जोरो से चिल्लाने लगा और वह भाग कर दूसरे कमरे में घुस गया वह बहुत घबरा गया था और छिप गया।
फिर वह सोचा कि मैं इसका आज शिकार हो जाऊंगा फिर वह यात्री उस रूम के बेड के नीचे छिप गया धीरे-धीरे वह बहुत ज्यादा डरने लगा और कुछ देर बिस्तर के नीचे रहने के बाद उसने सोचा कि मुझे यहां से किसी भी हाल में यहां से निकलना होगा। फिर वह यात्री अपनी आत्मविश्वास को जगाया और धीरे-धीरे वह उस कमरे के दरवाजे की ओर गया।
लेकिन जैसे ही उसने दरवाजे को खोला तो वहां पर कोई भी नहीं था। यह देखकर यात्री थोड़ा आगे गया और उसने देखा कि वहां कोने में एक परछाई सा दिख रहा है तो वह डरते डरते उसे परछाई के पास जाने लग जाते-जाते उसने बहुत सी डरावनी आवाज आ रही थी लेकिन वह उन आवाजों पर ध्यान दे बिना ही उसे परछाई के पास जाने लगा उसे परछाई के पास पहुंचा और उस परछाई को हाथ लगाया तो वह परछाई उस यात्री पर हमला करने लगा यह देखकर वह यात्री बहुत डर जाता है और वह यात्री इधर-उधर भागने लगा फिर वह यात्री एक जगह जाकर छिप जाता है।
लेकिन जहां पर वह यात्री छिपा होता है उसे अपने पीछे कुछ महसूस होता है और वह यात्री धीरे-धीरे डरते डरते हुए अपने पीछे देखता है। लेकिन वह अपने पीछे कोई भी नहीं दिखता है तो वह रिलैक्स हो जाता है और वह आगे देखता है।
लेकिन जैसे ही वह यात्री आगे देखता है तो उसे वहां काली परछाई अपने सामने दिखाई देता है जो बहुत ही डरावनी दिख रहा था। फिर वह डरावनी परछाई उस यात्री को जान से मार देता है।
लेकिन अगले ही सीन में वह यात्री अपने बिस्तर से उठता है और बहुत चिल्लाने लगा थोड़ी ही देर में वह होटल का स्टाफ आ जाता है। वह स्टाफ उस यात्री को शांत करता है और वह यात्री जैसे ही शांत होता है तब उस यात्री को रेलाईज होता है कि वह उस होटल के कमरे में ही है और वह एक सपना देख रहा है फिर वह अपना सब कुछ पैक कर कर उस होटल से चला गया और होटल को वापस मुड़ कर भी नहीं देखता।
होटल के मैनेजर और स्टाफ को कुछ भी समझ में नहीं आता लेकिन जो कोई भी उस रूम में रुकता उन सब को कुछ ऐसा ही महसूस होने लगा। कहते हैं कि आज भी मनोरंजन होटल खुला ही है और लोगों को उस होटल में रुकने में अभी भी डर लगता हैं। लेकिन जो उसे होटल के बारे में नहीं जानता वह यात्री इस होटल में रुकता है और कुछ ही यात्री उसे होटल से जिंदा बाहर आप आते हैं।