किसी जंगल में सभी पशु पक्षी प्यार से रहा करते थे उस जंगल के बीचो-बीच एक बहुत ही खूबसूरत तालाब भी था। जिस पर जंगल के सभी जानवर पानी पीने के लिए आया करते थे। सरसों का 1 झूंड भी सुबह और शाम को वहां पानी पीने आया करते थे। लेकिन वहां पर एक ऐसा भी सारस था जो दिन और रात वहीं भटकता रहता था। क्योंकि उस सारस के पास बाकी सरसों के जैसा दो पंख नहीं थे उस सारस का सिर्फ एक ही पंख था। एक दिन की बात है जब सारस आसमान की ओर देखकर भगवान से बोल रहा था।
टिंकू सारस :- हे भगवान अपने मुझे बाकी सारसों के जैसे दो पंख क्यों नहीं दिए। मैं अपने साथियों के साथ उड़ना चाहता हूं लेकिन मैं उड़ नहीं पाता हूं और वह मुझे अपने साथ रखना पसंद नहीं करते हैं। इससे अच्छा तो मुझे खरगोश ही बना देते कम से कम तेज भाग तो सकता था।
सारस की आवाज सुनकर एक तोता वहां पर आया जो की सारस को ही ढूंढ रहा था और तोता सारस से कहता है ?
तोता :- टिंकू सारस मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत है और तुम भगवान को मत कोसो तुम जैसे भी हो हम सभी को तुम बहुत ही पसंद हो। बाकी सारस हमारी मदद नहीं करते हैं सिर्फ तुम ही हमारी मदद करते हो।
टिंकू सारस :- चलो तोते कोई बात नहीं मैं तुम्हारी मदद करूंगा बताओ मुझे क्या करना है और तुम कहां से आए हो और बात क्या है।
तोता :- मैं पड़ोस के जंगल से आई हूं और मैंने सुबह ही एक अंडा दिया था लेकिन बदकिस्मत से मेरा अंडा लूढक कर कर एक ऐसी गड्ढे में गिर गया है जो की बहुत बारीक और गहरा है।
टिंकू सारस :- क्या तुमने उसे निकालने की कोशिश नहीं की ?
तोता :- मैं और जंगल के कई जानवरों ने कोशिश की लेकिन वह गड्ढा बहुत ही बारिक है। उसमें किसी का भी हाथ नहीं जा पा रहा। लेकिन तुम अपनी सोच की मदद से उसे निकाल सकते हो।
टिंकू सारस और जादुई तोता जादुई कहानी
टिंकू सारस :- मैं बहुत खुशी से चलने के लिए तुम्हारे साथ तैयार होता लेकिन शायद तुम्हें पता नहीं कि मैं एक पंख से अपाहिज हूं मैं उड़ नहीं सकता।
तोता :- लेकिन तुम्हारा कोई दोस्त तो होगा कोई दूसरा सारस हमारे जंगल के सभी सरसों ने मेरे एंड को निकालने से मना कर दिया। तुम्हारा कोई दूसरा दोस्त हो जो यह काम कर सके और मेरे एंड को बचा सके।
टिंकू सारस :- हां कई सरस है और उनके आने का टाइम भी होने वाला है।
टिंकू सारस की बात सुनकर तोता वहीं रुक गया और दोनों आसमान की तरफ बाकी सरसों का आने की इंतजार करने लगे। थोड़ी देर बाद जब सारसों का झूंड आया तब तोता और टिंकू सारस बाकी सारसों के पास गए और उनसे कहा ?
तोता :- सारस भैया क्या आप मेरे एंड को बचाने में मेरी मदद करेंगे वह अंडा एक बारीक से बिल में घुस गया है और वह बिल गहरा भी है आप क्या अपने चोच से मेरे एंड को निकालने में मेरी मदद करेंगे।
सारस :- देखो तोते तुम्हारा जंगल तो बहुत ज्यादा दूर है हम में से कोई भी वहां जाना नहीं चाहेगा।
तोता :- मेरा अंडा अगर इस गड्ढे में फूट गया तो मेरा बच्चा वही पड़ा पड़ा मर जाएगा। प्लीज आप में से कोई मेरे साथ चलिए।
सारस :- हम उस तरफ जाते ही नहीं और वैसे भी तुम इस जंगल की नहीं हो हम तुम्हारी मदद के लिए भला इतनी मेहनत क्यों करेंगे।
टिंकू सारस :- यह तुम कैसी बातें कर रहे हो इसके बच्चे का जिंदगी का सवाल है।
सारस :- अगर तुमको इसकी बच्ची की इतनी ज्यादा फिक्र हो रही है तो तुम ही क्यों नहीं चले जाते। तुम उड़ नहीं सकते तो चल कर चले जाओ पैर तो तुम्हारे पास भी है ना।
सारसों का झुंड इतना कहकर टिंकू सारस और तोते को वहीं छोड़कर उड़ गए और वहां से चले गए।
टिंकू सारस :- तुम फ़िक्र मत करो प्यारे तोते मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूं।
यह सुनकर तोता खुश हो गया और टिंकू सारस को अपने साथ ले जाने लगा। कुछ घंटे चलने के बाद टिंकू सारस के पैर दर्द करने लगे। तो वह बीच-बीच में थोड़ी देर आराम करके और फिर चलने लगते। इसी तरह रुकते रुकते वह दोनों शाम होने से पहले पास के जंगल में पहुंच गए। उस बिल के पास पहुंचने के बाद तोता ने टिंकू सारस से बोला ?
तोता :- टिंकू सारस यही है वह गड्ढा जिसमें मेरा अंडा लूढक कर गिर गया है।
यहां सुनकर टिंकू सारस ने उस बिल में झांक कर देखा और उसको उस बिल में तोता का अंडा दिखा। तो टिंकू सारस ने तोते से कहा ?
टिंकू सारस :- तुम फ़िक्र मत करो मैं अभी इस अंडे को निकलता हूं
टिंकू सरस में अपनी पतली गर्दन की मदद से उस गड्ढे में अपनी सर को डाला और अपनी बारीक चोच की मदद से उस अंधे को पकड़ कर उसे गड्ढे से बाहर निकाला और अंडे को बड़े प्यार से जमीन पर रख दिया। जिसको देखकर तोता बहुत खुश हुआ।
तोता :- तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया सारस भइया कि तुमने मेरी मदद की।
टिंकू सारस :- मुझे खुशी है कि मैं तुम्हारी मदद कर पाया लेकिन अब मेरे पैरों ने जवाब दे दिया है। अब तो मैं शायद कल सुबह ही यहां से निकल पाऊंगा। जब मेरा यह दर्द ठीक हो जाएगा।
तभी वह अंडा हिलने लगा और वह अंडा फूट गया और उसके अंदर से एक नीले रंग का चूजा बाहर निकल आया। देखते ही देखते वह चूजा अपनी मम्मी जितनी बड़ा हो गया और वह उड़ने लगा। यह देखकर टिंकू सारस चौक गया और उसने बोला ?
टिंकू सारस :- यह कैसा जादू है तुम तो अभी पैदा हुए हो और तुम इतने बड़े हो गए और अभी से उड़ते भी लग गए।
टिंकू सारस के ऐसे बोलते ही वह तोता गोल्डन तोता में बदल गया और टिंकू सारस से बोला।
तोता :- मैं एक जादुई तोता हूं और यहां मैं तुम्हारी परीक्षा ले रहा था जिसमें तुम पास हो गए और यहां देख कर मैंने यह सोचा है कि तुम्हारी एक इच्छा में पूरी करूंगा मांगो तुम्हें क्या चाहिए।
टिंकू सारस :- मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि आप एक जादुई तोता हो और आप मेरी एक इच्छा पूरी करेंगे।
तोता :- हां मैं तुम्हारी एक इच्छा पूरी करूंगा मांगो तुम जो इच्छा मांगना चाहते हो तुम कुछ भी मांग सकते हो।
टिंकू सारस :- तो आप मुझे मेरा यह एक पंख दे दो जिससे मैं उड़ सकूं और जंगल के सही जानवरों का मैं ऐसा ही मदद करता रहूं।
तोता :- टिंकू सारस बस इतनी सी है तूमहारी मांग लो तुम्हारी इच्छा मैं पूरी कर देता हूं।
ऐसा कह कर तोता में टिंकू सारस की पंख को ठीक कर दिया जिससे सारस उड़ने लगा और वह उस तोते से बहुत-बहुत धन्यवाद कहने लगा और वहां से उड़ते उड़ते अपने दोस्तों के पास गया और उन सभी को अपनी वह पंख दिखाया जो अपाहिज था और वह वापस से उस नदी के पास जाकर बैठ गया और ऐसे ही जंगल के सभी जानवरों की मदद करने लगा।