लालची सब्जी वाली हिंदी कहानी

हेलो दोस्तों! इस कहानी का नाम लालची सब्जी वाली हैं। इस कहानी में आपको एक सब्जी वाली की कहानी के बारे में बताया गया है अगर आपको यह कहानी अच्छी लगती है तो हमें कमेंट के जरिए बता सकते हैं और ऐसी रोमांचक कहानियां के लिए हमसे जुड़े रहे, आपको अगर यह कहानी पसंद आए तो एक कमेंट जरुर कर दीजिएगा धन्यवाद।

लालची सब्जी वाली की कहानी

लालची सब्जी वाली

दुर किसी गांव में एक सब्जी वाली सब्जी बेचा करती थी, उसका नाम कमला था। उसके पास अपनी खुद की जमीन थी, उसी जमीन में सब्जी उगाती थी और बेचती थी। सब्जियों के लिए वह जैविक खाद डालती थी जिसे किसी को नुक्सान नहीं पहुंचती थी।

सभी गांव वालो को ये बात पता थी इसी लिए सभी गांव वाले उसकी सब्जी खरीदा करते थे। वह गाँव में घूम घूम कर अपनी सब्जियां बेचती थी। एक दिन जब वह सब्जियां गांव में घूम घूम कर बेच रही थीं। तो एक आदमी ने कमला से कहा?

गांव का: अरे कमला आधा किलो बैंगन तो दे देना।

कमला: क्या भैया आधा किलो बैंगन से क्या होगा किस-किस को खिलाओगे, अच्छा ऐसा करो कि आप एक किलो ले लो।

गांव का: ठीक है 1 किलो तोल दो।

कमला: ये हुई ना बात भैया अभी 1 किलो तोलती हूं।

कमला ने 1 किलो बैंगन तोल दिए फिर वो वहां से चली गई, रस्ते में उसे बहुत ग्राहक मिलते रहे। थोड़ी ही देर में उसकी सभी सब्जी बिक गई। उसके सब्जियों की टोकरी खाली हो गई, रास्ते में ही उसे एक और गांव वाला मिला उसे गांव वाले ने कहा? कमला ताजी सब्जी देना तो। यह सुनकर कमला ने कहा, सब्जी खत्म हो गई भैया मैं कल आपके लिए और भी ज्यादा सब्जी लेकर आऊंगी। फिर कमल अपनी खाली टोकरी लेकर कमला घर पहुंची उसने अपने पैसे को गिनना शुरू की ज्यादा पैसे देख वह बहुत खुश हुई और बोली?

कमला: आज तो बहुत कमाई हुई लेकिन अंत में मेरा 1 ग्राहक खाली हाथ लोट गया। अब से मैं कल से ज्यादा सब्जी ले कर जाउंगी। ताकि कोई भी ग्राहक खाली हाथ न लौटे।

अगले दिन कमला खेत गई। उसने खेत में जैविक खाद डालने की जगह बाजार से लेकर रासायनिक खाद डाली। कुछ दिन बाद बड़े पैमाने में सब्जियां उग गई। कमला ने वह सभी सब्जियों को अपने टोकरी में डाली और गांव के लिए रवाना हो गई और बेचना शुरू कर दी।

कमला: सब्जी लेलो! ताजी सब्जियां लेलो! सब्जियां लेलो!

यह सुनकर गांव का एक आदमी ने कमला को अपने पास बुलाया और कहा? 

गांव का : ओ कमला बहना! मुझे थोड़ा 1 किलो सब्जी दे दो।

कमला : जरूर भैया उसे दिन आपको सब्जियां नहीं मिली थी। आज थोड़ा आप ज्यादा सब्जियां ले लो। सब ताजी सब्जियां है।

 

कमला ने उसे सब्जियां दी और आगे बढ़ गई। थोड़ी ही देर में कमला की सब्जी की टोकरी खाली हो गई। कमाई भी अच्छी हूई। और कमला गांव के किनारे नदी के पास बैठकर अपने कमाए हुए पैसे गिन रही थी। वह उन पैसों को देखकर बहुत खुश हुई।

कमला नदी किनारे बैठकर पैसे गिनते हुयी

फिर कमला रोज खेत जाकर रासायनिक खाद डालने लगी। जिससे सब्जियां जल्दी-जल्दी बड़ी तादात में उगने लगी, फिर कमला उन सब्जियों को लेकर के गांव में बेचा करती थी। थोड़े ही दिनों के बाद गांव के बच्चे बूढ़े बीमार होने लगे और अस्पताल में भर्ती होने लगे। सभी गांव वालों को समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है। गांव का मुखिया 1 दिन डॉक्टर के पास गया और पूछा?

मुखिया : डॉक्टर साहब हमारे गांव को क्या हुआ, हमारे गांव में सब बीमार क्यों पड़ रहे हैं।

डॉक्टर : मुझे लगता है कि खाने में कुछ गलतियां हो रही हैं, कुछ उल्टा पुल्टा आपके गांव वाले खा रहे हैं।

मुखिया थोड़ा होशियार था उसे सोने में देर नहीं लगी की यह जरूर कमल की सब्जियों को खाने के कारण हो रहा है। फिर वह कमला के पीछे-पीछे कमला के खेत जा पहुंचा। मुखिया ने जाकर देखा कि कमला जैविक खाद डालने के बजाय रासायनिक खाद डाल रही है। मुखिया को बहुत गुस्सा आया और वह तुरंत कमला के पास गया और बोला

मुखिया : कमला बहन इतनी बड़ी धोखाधड़ी कर रही हो तुम जैविक खाद के जगह रासायनिक खाद डाल रही हो अपने खेतों पर और सभी गांव वालों को खिलाकर बीमार कर रही हो। तुम्हारी वजह से गांव के बच्चे बूढ़े सभी बीमार पड़ रहे हैं मैं यह बात सभी को बताऊंगा।

कमला ने मुख्य को रोकने की कोशिश की लेकिन रोक नहीं पाई और मुखिया गांव में जाकर सभी गांव वालों को यह बात बता दी। कुछ दिन बाद जब कमला सब्जी लेकर निकली तो कुछ दूर जाने के बाद उसे एक गांव वाले ने बोला?

गांव का : नहीं चाहिए तुम्हारा सब्जी तुम धोखेबाज हो चली जाओ यहां से नहीं चाहिए तुम्हारी सब्जियां।

थोड़ी देर में पूरे गांव वाले वहां जमा हो गए फिर सभी गांव वाले कमला को धोखेबाज पुकारने लगे और उसे जाने के लिए बोलने लगे। कमला को बहुत बुरा लगा, और कमला का सभी ग्राहक टूट गए अब कोई भी कमला से सब्जी लिया नहीं करता था। यह सोचकर कमल को अपने आप पर बहुत गुस्सा आ रहा था और वह बहुत उदास हो गई। फिर थोड़े ही दिनों बाद कमला ने जैविक खाद अपने खेत में डालने लगी और सभी गांव वालों को बताने की कोशिश करने लगी लेकिन गांव वाले मन ही नहीं रहे थे कि कमला अब अपने खेत पर जैविक खाद डाल रही है। यह सोचकर गांव वाले अभी भी कमला से सब्जी लेने नहीं आया करते थे कमला यह सोचकर बहुत उदास हो गए और अपने घर पर बैठे-बैठे पछताने लगी।

लालची सब्जी वाली कहानी से सीख :-

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की लालच करना पूरी बात है कर बुरा तो हो बुरा। तो इसीलिए हमें किसी का भी बुरा नहीं करना चाहिए और सोचना चाहिए। तो आप सभी को यह कहानी पसंद आए तो हमेशा सपोर्ट कीजिए और इसी तरह का कहानी पढ़ना आपको अच्छा लगता है तो आप हमारे वेबसाइट के होम पेज पर जा सकते हैं और सभी कहानियों को पढ़ सकते हैं। लालच बुरी बला है, जैसा कि आपने लालची सब्जी वाली कहानी में देखा। ऐसे ही मजेदार कहानियां के लिए आप हमारेसाथ जुड़े रहे।

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उलट पूलट कविता :-

एक दिन उल्टा पुल्टा हो गया।

भैया जानते हुए सो गया।

बादल नीचे धरती पर आया।

पानी ऊपर गगन पर छाया।

बड़ा हाथी, हो गया था छोटा।

पतला हिरण हो गया था मोटा।

पौधों पर लगे लड्ड- पेड़।

घास पर लग गई बर्फी।

उल्टा पुल्टा हुआ सब कुछ।

गर्मी में लग गई सर्दी।

चिड़ियाघर

दक्ष के घर में उसके भाई बहन पापा मम्मी दादी और दादी हैं। रविवार को वे सभी चिड़ियाघर घूमने के लिए गए। वहां बहुत से पशु पक्षी थे। एक पिंजरे में मोर नाच रहा था और मोरनी उसे देख रही थी।

दूसरे पिंजरे में शेर शेरनी तालाब के पास टहल रहे थे।

वहीं पेड़ पर बैठी एक चिड़िया गा रही थी, जबकि चिड़ा तीनके ला कर घोंसला बना रहा था।

पासी एक हाथी जोर जोर से चिंघाड़ रहा था।

हथनी तालाब में से पानी पी रही थी। बंदर पेड़ पर उछल कूद कर रहा था।

बंदरिया नाच रही थी। दक्ष को वहां बहुत मजा आया। इस तरह पूरा दिन बीत गया।

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