क्या आप कभी किसी पहेली से मोहित हुए हैं, उसकी रहस्यमय परतों को खोलने का रोमांच महसूस किया है? पहेलियाँ सदियों से मानव संस्कृति के तन-मन में बुनी गई हैं, पीढ़ियों से आकर्षक और चुनौतीपूर्ण दिमाग। प्राचीन लोककथाओं से लेकर आधुनिक समय के विचार तक, ये पेचीदा पहेलियाँ सभी उम्र के लोगों को आश्चर्यचकित करती हैं और उनका मनोरंजन करती हैं। अगर आपको कहानी पढ़ना पसंद है तो आप आप हमारे इस कहानीको भी पड़ सकतें हैं।
बच्चों के लिए 50 पहेलियां
1. सभी चढ़ जाते हैं मेरे ऊपर, ना देख दिन और ना देखें रात जरा बताओ क्या हूं मैं।
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2. तीन अक्षर का नाम है मेरा, चाहे आगे से पढ़ो या पीछे से, दोनों ही तरफ से पढ़ो फिर भी एक ही मतलब।
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3. मैं एक छोटी सी बच्ची, खुद खुद कर और बांधु, बताओ जरा क्या हूं मैं।
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4. मैं हूं छोटी, इधर-उधर जाकर मैं संदेश पहुंचाऊ अब जरा यह बताओ क्या है मेरा नाम ?
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5. बाहर से हूं मैं हरा, अंदर से पीले मोती, लोग हैं मेरे दीवाने।
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6. हूं मैं पीला लोग मुझे तोड़ के खाए क्या हूं मैं यह बताओ तुम जरा।
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7. आज मैं आऊं बड़े काम का, कल बन जाऊं रद्दी।
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8. मैं दिखाता हूं कल, जलता हूं तो लाल और फेंकते समय हो जाता हूं सफेद अब बताओ क्या हूं मैं।
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9. हूं मैं गोल पर गेंद नहीं मेरे हैं कुछ पर पशु नहीं मुझे पकड़ कर खेलते और हंसते हैं बच्चे।
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10. दो बच्चे और दोनों एक ही शक्ल और एक ही रंग के एक बिछड जाए तो दूसरा कुछ काम ना आए।
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11. कटोरा के ऊपर कटोरा पर बेटा है आप से भी ज्यादा गोरा बताओ क्या हूं मैं ?
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12. लाल है मेरा रंग, मेरे अंदर है लाल लाल मोती के दाने बताओ जरा कौन हूं मैं ?
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13. बिना पैर हाथ चलती रहती अपने हाथों से मुंह को बार-बार पहुंचती रहती।
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14. मैं सबको बाटता हूं ज्ञान, नीली रंग है मेरी पहचान।
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15. मैं कौन हूं जो किसी के हाथ ना आए, जहां तुम जाओ वहां पीछा करता।
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16. मेरा नाम फल और फूल से बना लेकिन लोग मुझे मिठाई कहते हैं।
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17. मैं हूं छोटी मेरी चोटी पर है हरियाली हरियाली, तन मेरा है सफेद, आता मैं खाने के काम बताओ जरा मेरा नाम ?
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18. दिखता हूं मैं लाल-लाल मेरी चोटी में है हरियाली जो कोई खा मुझे वह गए मेरी बताओ अब तुम मेरा भेद।
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19. मेरे रंग हैं अलग-अलग सारे लोग मुझे खाने के लिए दुकानों से खरीदते लेकिन मुझे कोई नहीं खाता बताओ जरा मैं हूं कौन?
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20. रोज रात को मैं आता, बच्चे कहते हैं मुझे मामा बताओ कौन हूं मैं?
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21. चार अक्षर का है मेरा नाम, मैं आता हूं सबके काम, साल खत्म हो जाए तब बन जाता हूं रद्दी।
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22. तीन हाथ पर है मेरे, रोज नहा धोकर निकालूं, मुझे बड़े चाव से खाये।
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23. सबके होते हैं हाथ पैर और मुंह, बिना मुंह के मैं निकालो सुरीली आवाज।
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24. मुझे जब तुम लगाओ तब मैं हरी रहती हूं, जब मुझे तुम धो दो हो जाती हूं लाल।
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25. मेरे हैं चार पैर, बच्चे मुझे देखने को तरसे, जो भी बच्चा मुझे देखे वह बहुत खुश हो जाए।
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26. मैं कौन हूं जो मुझे अंग्रेजी में ज्यादा कहते हैं?
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27. एक पानी का मटका, पानी है बड़ा मीठा, चारों ओर से करें हम उसकी सुरक्षा बताओ हम कौन हैं भला?
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28. जो कोई भी मेरे पास भी आए उसे मैं जला दूं मेरे बिना ना सुबह होता।
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29. गरीबों के मैं हाथ ना आऊं, अमीरों के घर में जगह-जगह पांव।
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30. सबको मैं सुबह-सुबह उठाऊं, अमीर गरीब सबके घर पाऊं।
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पहेलियां ही पहेलियां
क्या आपको पहेलियां पढ़ने में मजा आ रहा है। आ रहा हो तो आप हमें कमेंट के जरिए जरूर बताने की कोशिश करें। ऐसे ही और पोस्ट के लिए हमारे साथ जुड़े रहे।
31. मेरा रंग है काला मेरी आवाज सबको भाता बताओ मैं हूं कौन?
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32. दिखता हूं मैं नीला और हरा, मुझे पिने के बाद क्या मर जाती है?
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33. झूठ सभी बोल लेते हैं, मैं कभी झूठ न बोलूं बोलना चाहूं फिर भी न बोल पाऊं।
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34. मैं हूं जंगल का राजा, सभी झुके मेरे आगे तुम बताओ जरा मेरा नाम ?
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35. मैं हूं रहता सब के ऊपर, ना मैं देखूं बच्चे न बुजुर्ग ना देखूं पशु पक्षी जानवर कौन हूं मैं यह बताओ।
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36. मेरे रंग है अलग-अलग, अलग-अलग है डिजाइन, सभी इंसान मुझे है पहनते बताओ जरा कौन हूं मैं ?
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37. हम हैं तीन भाई सबसे बड़ा हर सेकंड घूमें, मंझला भाई हर मिनट घूमे, सबसे छोटा भाई घंटे में घूमें।
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38. मैं पूरा कमरे में भर जाऊं, फिर भी लोग कहे अभी खाली है पूरा कमरा।
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39. बोल नहीं पाती हूं मैं, फिर भी दूसरों को ज्ञान बांटू। अब तुम बताओ कौन हूं मैं ?
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40. अपनी कमर बांध के मैं रहूं, सुबह शाम मेरी जरूरत है पड़ती। बताओ मैं कौन ?
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41. बाहर से हार और, अंदर से हूं लाल। खाने में मीठा, मेरा मोटा पेट कमाल।
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42. सफेद काला रंग मेरा, पतली रस्सी से मुंह मोड़ूं। तेज मेरी चाल है भैया, सरपट सरपट मैं दौड़ूं।
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43. पतली लंबी हरी हूं मैं, खेत में खड़ी लहराऊं। सी सी करते हैं वह सब, जिसके मुंह में मैं जाऊं।
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44. सबकी मैं जान बचाऊ, ना देखूं बच्चा ना बुजूर्ग। ना देखूं गरीब अमीर बताओ कौन हूं मैं ?
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45. जो खाए वो पछताए है, और जो ना खाएं वो भी पछताए।
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46. मैं देता हूं सबको ठंडक ना देखूं दिन ना रात। तूम जरा बताओ कोन हूं मैं ?
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47. अंधेरे में नजर ना आऊं रोशनी में तूम हारे पिछे आऊं।
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48. तूम सब को मैं अपने पलको के छाए मे रखू, तुम्हें भूख लगे तो तुम मेरे बच्चों को खा जाओ।
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49. ना देखूं मैं गर्मी ना बरसात ना देखूं मैं सर्दी, मैं तुम सभी को रखूं अपने अंदर।
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50. मैं क्या हूं जो तुम्हारा हूं, लेकिन मेरा इस्तेमाल कोई दूसरा करता है।
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बच्चे पहेलियों से क्या सिखाते हैं।
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पहेलिया सुलझाने से बच्चे बहुत कुछ सीख सकते हैं! निचे हमने आपको डिटेल में बताने का पूरा प्रयास किया है। वह भी पोइंट टू पोइंट बता रहे हैं। उम्मीद है कि आपको यह पसंद आया होगा।
समस्या समाधान करने की कुशलताएं
पहेलिया बच्चों को समाधान खोजने के लिए रचनात्मक और गंभीरता से सोचने की चुनौती देती हैं। उन्हें सुरागों का विश्लेषण करना होगा, थोड़ा सा हटकर सोचना होगा और उत्तर देने के लिए अपने बूदधी का उपयोग करना होगा। इससे उनकी समस्या-समाधान कौशल विकसित करने में मदद मिलती है, जो स्कूल और जीवन में सफलता के लिए आवश्यक है।
महत्वपूर्ण सोच
पहेलियां बच्चों को किसी उत्तर पर पहुंचने से पहले गहराई से सोचने और कई संभावनाओं पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। वे जानकारी का मूल्यांकन करना, संबंध बनाना और तार्किक रूप से सोचना सीखते हैं, ये सभी आलोचनात्मक सोच के महत्वपूर्ण पहलू हैं।
भाषा में विकास
पहेलिया सुनने और हल करने से बच्चे अपनी शब्दा और भाषा कौशल में सुधार करते हैं। पहेलियाँ अक्सर आलंकारिक भाषा, शब्द-खेल और वाक्यों का उपयोग करती हैं, जो बच्चों को मज़ेदार और आकर्षक तरीके से नए शब्दों और वाक्यांशों से परिचित कराती हैं।
रचनात्मकता और कल्पना
पहेलियां बच्चों की रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को जगाती हैं क्योंकि वे पहेली को सुलझाने की कोशिश करते हैं। उन्हें अद्वितीय और चतुर उत्तर देने के लिए रचनात्मक रूप से सोचना होगा, जो उन्हें विभिन्न विचारों और दृष्टिकोणों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
विश्वास वर्धन
पहेली को सफलतापूर्वक हल करने से बच्चों को उपलब्धि का एहसास होता है और उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। यह उन्हें दिखाता है कि उनमें चुनौतियों पर काबू पाने और गंभीर रूप से सोचने की क्षमता है, जो उन्हें भविष्य में और अधिक कठिन कार्यों से निपटने के लिए प्रेरित करती है।
सामाजिक संपर्क
पहेलियों को अक्सर सामाजिक परिवेश में साझा किया जाता है और उनका आनंद लिया जाता है, जैसे दोस्तों, परिवार या सहपाठियों के साथ। पहेलियों को एक साथ सुलझाने से सहयोग, संचार और टीम वर्क को बढ़ावा मिलता है, क्योंकि बच्चे विचार साझा करते हैं और उत्तर खोजने के लिए मिलकर काम करते हैं।
सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक ज्ञान
कई पहेलियाँ संस्कृति, इतिहास या लोककथाओं में निहित हैं, जो बच्चों को दुनिया भर की विभिन्न परंपराओं और मान्यताओं के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं। इन पहेलियों को सुलझाने से बच्चों में जिज्ञासा पैदा हो सकती है और वे अपने आसपास की दुनिया के बारे में और अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।