दूर कहीं एक जंगल था। उस जंगल का राजा एक बहुत ही ताकतवर शेर था। उस जंगल के थोड़ी ही दूर में एक गांव था। उस गांव के लोग खेती किया करते थे, हर साल उनकी खेती अच्छी हुआ करती थी। लेकिन वह कहते हैं ना कि अच्छे दिन ज्यादा दिनों तक नहीं रहता ठीक वैसे ही उन गांव वालों के साथ भी हुआ। कुछ सालों के बाद एक साल ऐसा हुआ कि उनके गांव में बारिश नहीं हुई। तो सभी गांव वालों को खाने-पीने में कमी हुई तो उसे गांव के मुखिया ने सोचा और उसने भाव में बैठक किया।
मुखिया :- हम सभी जानते हैं कि हमारे गांव में बारिश नहीं हो रही है। तो हमारे खाने-पीने में कमी हो रही है इसीलिए मैंने सोचा है कि जंगल में शिकार करके अपने और अपने परिवार का पेट भरना होगा। तो क्या आप सभी इस बात से सहमत है ?
सभी गांव वालों ने मुख्य की बात में मंजूरी दे दी फिर कुछ लोग जंगल जाकर शिकार करने लगे वह रोज जंगल जाते और कभी हिरण तो कभी कभी सूअर जेब्रा को मार कर शिकार किया करते। जंगल के सभी जानवर इस बात पर चर्चा करके सभी जानवरों ने इंसानों की शिकायत जंगल के राजा शेर से करने के लिए शेर के गुफा की ओर गए। थोड़ी ही देर में वह सभी जंगल के राजा शेर की गुफा में पहुंच गए। वहां पहुंचने के बाद हाथी ने शेर राजा को आवाज लगाया ?
हाथी :- राजा जी! राजा जी! शेर राजा जी! शेर राजा जी!
यह सुनकर शेर बाहर आया और हाथी से बोल ?
शेर :- क्या हुआ हाथी तुम सभी मेरे गुफा के पास क्या कर रहे हो।
हाथी :- महाराज हमें अब आप ही बचा सकते हैं, क्योंकि इंसानों ने अब हमारा शिकार करना शुरू कर दिया है। वह रोज हमारा शिकार करने के लिए जंगल में आते हैं। अब आप ही उन सभी इंसानों को जंगल से भगा सकते हैं।
शेर :- अच्छा तो यह बात है चलो अब से माय में इंसानों को देख लूंगा।
यह सुनकर जंगल के सभी जानवरों को राहत मिली और वह सभी अपने घर चले गए। कुछ दिन के बाद गांव के शिकारी जंगल आए शिकार करने तो उन शिकारियों को शेर ने जंगल से ही भगा दिया। वह शिकारी जब भी जंगल आते तो वह जंगल के राजा से उन्हें भगा दिया करता था। रोज-रोज खाली हाथ लौटने के कारण एक दिन सभी गांव वालों ने एक बैठक की जिसमें मुखिया ने बोला ?
मुखिया :- कुछ दिन से हमारे शिकारियों को शेर का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए मैंने यह फैसला किया है कि अब से जंगल जाकर शिकार करना मना है। क्योंकि अब तो हमारे गांव में बारिश भी होने लगी है तो अब से जंगल शिकार करने जाना मना है।
फिर सभी गांव वालों ने मुखिया की फैसले को मानते हुए कोई भी शिकारी शिकार करने जंगल नहीं जाया करता था। कुछ दिन ऐसे ही बीत गए एक दिन शिकारियों के लीडर को मांस खाने की दिलचस्प उठी और वह अपने सभी शिकारियों की सेना के पास गया और उन सभी को बोला ?
लीडर :- देखो साथियों हम इतने दिनों से मांस खाते-खाते हम मन ही नहीं करता की सब्जियां खाएं अगर तुम से भी मेरा साथ दो तो मैं और तुम सब मिलकर उसे जंगल के राजा शेर को जाल में फंसा कर हम उसे मार देंगे।
यह कहकर शिकारियों के लीडर ने अपने साथियों से पूछा। कहीं ना कहीं शिकारियों को मांस का लालच था तभी सभी शिकारियों ने लीडर की बात मान ली और अगले ही दिन वह सभी जंगल जाकर अपनी सभी जालों को जंगल के जगह-जगह फैलाना शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद सभी शिकारियों ने मिलकर सभी जालों को फैला दिया। थोड़ी ही देर में उस जाल में शेर फंस गया फिर वह शेर बचाओ बचाओ चिल्लाने लगा थोड़ी ही देर में वहां पर जंगल के सभी जानवर एकत्रित हो गए। शेर राजा को जाल में फंसा देखकर हाथी ने बोला ?
हाथी :- राजा जी आप कैसे इस जाल में फंस गए।
शेर :- कुछ नहीं मैं तो बस इस रास्ते से गुजर ही रहा था कि मैं इस जाल में फंस गया।
गिद्ध :- महाराज मुझे लगता है कि इस जाल को उन शिकारियों ने लगाया होगा। क्योंकि मैं उड़ते हुए इंसानों को लगाते देखा था। उन शिकारीऔ को इसलिए मुझे लगता है कि उन्ही इंसानों ने इस जाल को लगाया होगा ताकि हमारे राजा को कैद कर के मार दे और वह इस जंगल में शिकार करते रहे हमेशा हमेशा के लिए।
खतरनाक शेर राजा की कहानी || Sher Ki Kahani
यह सुनकर जंगल के सभी जानवर डर गए और आपस में ही बात करने लगे शेर को सभी भूल गए थे कि वह जाल में फंसा है। थोड़ी देर हो जाने पर हाथी बहुत ऊंचे आवाज में बोला ?
हाथी :- सभी शांत हो जाओ! शांत हो जाओ अभी हमें हमारे राजा को इस जाल से बाहर निकलना है अभी सिर्फ यह सोचो कि इस जाल को कैसे काटे।
सभी जानवर शांत हो गए और सभी सोचने लगे थोड़ी देर तक सोने के बाद एक चिड़िया ने बोली ?
चिड़िया :- हाथी मेरे दोस्त हम मेरे दोस्त चूहा और उसके दोस्तों को बुलाकर इस जाल को कटवा सकते हैं।
फिर वह चिड़िया उड़ते हुए चूहे के पास गई उसके पास पहुंच कर अपने दोस्त चूहे को पूरी बात बताई यह सुनकर चूहा तुरंत अपने दोस्तों को लेकर शेर राजा को बचाने के लिए भागते-भागते गए शेर के पास पहुंचे फिर चूहा और उसके दोस्तों ने मिलकर शेर के जाल को काटना शुरु कर दिया। थोड़ी ही देर में उन्होंने शेर के जाल को काट दिया और उसी टाइम में शिकारी भी अपने जाल को देखने पहुंच गए शिकारियों के लीडर ने शेर को यूं खुला हुआ देखकर बहुत डर गया उसके साथी भी बहुत डर गए थे फिर सभी शिकारियों ने सभी जानवरों को यूं एक साथ देखकर। ऐसे वहां से भाग्य की दोबारा उसे जंगल में वापस कभी नहीं आए क्योंकि वह समझ गए थे कि जंगल की सभी जानवर अब एक झूठ हो गए हैं फिर से भी जानवरों ने जंगल के सभी जनों को मिलजुल कर हटा दिया उसके बाद से भी जानवर में जलकर खुशी-खुशी रहने लगे।