सांप बना भुतिया सांप पार्ट 2
फिर भूतिया सांप तांत्रिक के बातों में आकर गांव में जाता है और इधर-उधर तबाही मचाने लगता है। भूतिया सांप को इस तरह तबाही मचाते हुए देखकर वहां पर खड़े एक रमेश नाम के आदमी अपने दोस्तों से बोलता है ?
रमेश :- यह क्या हैं अब यह गांव में कौन सी बला आ पहुंची है।
रामू :- वो वह तो एक भूत है।
रमेश :- भूत नहीं सांप है वह मतलब भूत भी है और सांप भी हैं या कोई भूतिया साफ है देखो देखो कितना काला है। जहां तक मुझे पता है की काला सांप बहुत ही जहरीला होता है, उसका कांटा कोई बचता नहीं।
रामू :- यहां पर खड़े मत रहो अपने अपने जान बताओ और भागों।
थोड़ी देर बाद ही भुतिया सांप को एक रतन नाम का हट्टा कट्टा आदमी मिल जाता है और वह उस हट्टे कट्टे आदमी को उठा लेता है। यह देखकर रतन जोरो जोरो से चिल्लाने लगता है। मुझे बचाओ अरे भाई कोई तो बताओ !!
फिर भूतिया सांप रतन को उठाकर तांत्रिक के पास ले जाता है। फिर तांत्रिक रतन की बली चढ़ाता है और उसे मार देता है और फिर उसके शरीर का पूरा खून निकाल कर पी जाता है। खून पीने के बाद तांत्रिक ने बोला ?
तांत्रिक :- आज तो मजा ही आ गया खून पी कर मेरे कलेजे को ठंडक मिले बस मुझे ऐसे ही ताजा ताजा खून मिलता रहे। फिर उसके बाद ह हा ह हा !!
सुबह होते ही वह काला भूतिया सांप तांत्रिक के पास पहुंचता और फिर भूतिया सांप ने तांत्रिक से बोलता है।
सांप :- तुमने जैसा कहा वैसा मैंने किया अब तो मुझे मेरा पुराना शरीर लौटा दो।
तांत्रिक :– यह काम इतना आसान नहीं है और इतनी जल्दी भी नहीं हो सकता मुझे और इंसान चाहिए और पूजा करनी पड़ेगी। इसलिए जाओ और इंसानो को लेकर आओ।
भूतिया सांप पहले की तरह होना चाहता था इसलिए बार-बार जाकर भोले भाले गांव वालों को उठाकर तांत्रिक के हवाले कर दिया करता था और तांत्रिक उन सभी लोगों को मार कर उनका खून पी जाया करता था। गांव के लोगों को भूतिया सांप का डर हमेशा रहता था। गांव के ही एक बुजुर्ग आदमी ने अपने साथियों से बोल ?
बुजुर्ग :- वह भूतिया सांप मेरे जवान बेटे को ही ले गया और मैं उसे बचा भी नहीं सकता। मेरे बच्चे के साथ उसने ना जाने क्या किया होगा पता नहीं वह जिंदा भी होगा कि नहीं।
रमेश :- काका आप ऐसा क्यों बोलते हो आपके बेटे को कुछ नहीं होगा पता नहीं यह आफत कहां से आ गई है और वह भूतिया सांप पता नहीं क्यों लोगों को उठा कर ले जा रहा है किसी ने उसका क्या बिगाड़ा है जो ऐसा कर रहा है।
रघू :- अगर अबकी बार वह भूतिया सांप इस गांव में वापस आया तो मैं इस कुल्हाड़ी से उसके दो टुकड़े कर दूंगा।
तभी वहां पर वह भूतिया सांप आ जाता है और उन सभी की बातें सुन लेता है और यह सुनकर भूतिया सांप ने सभी को बोला ?
सांप :- लगता है तुम सब मेरी ही बातें कर रहे हो क्यों सही कहा ना मैंने।
रमेश :- रघु भाई अब करो अपनी कुल्हाड़ी से इसके दो टुकड़े अभी थोड़ी देर तो पहले चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे थे कि अगर वह भूतिया सांप इस बार गांव में आया तो आप उसके टुकड़े-टुकड़े कर दोगे अब करो इसके टुकड़े।
रघू :- चुप करो तुम मैं तो ऐसे ही बोल रहा था।
सांप :- अच्छा तो तुम मेरे टुकड़े टुकड़े करोगे। मेरे टुकड़े टुकड़े करने से पहले तुम तो पहले अपने आप को तो बचा लो।
यह कह कर भूतिया सांप ने रघु को ही उठा कर ले जाता है और तांत्रिक के हवाले कर देता है। कई महीने ऐसे ही बीत जाते हैं भूतिया सांप गांव के आधे लोगों को उठाकर तांत्रिक के हवाले कर चुका था। फिर वह भूतिया सांप अपने मन में सोचने लगा।
सांप :- तांत्रिक ने जैसा कहा मैंने वैसा ही किया लेकिन मेरा शरीर पहले जैसा बिल्कुल ही नहीं हो रहा है। यह तांत्रिक कब मेरा शरीर पहले जैसे करेगा।
भूतिया सांप इस बात से बहुत परेशान था। फिर वह रात के समय ही तांत्रिक के पास जाता है। पर तांत्रिक को देखकर वह बहुत हैरान हो जाता है। क्योंकि तांत्रिक जंगल में कोई पूजा नहीं कर रहा था वह तो एक इंसान को मार कर उसका खून पी रहा था।
तांत्रिक :- बस एक दिन और उसके बाद में हमेशा के लिए अमर हो जाऊंगा। लेकिन इस सांप का कुछ करना पड़ेगा क्योंकि मैंने उसे बेवकूफ बनाया है अगर यह बात उसे पता चली तो वह मुझे जिंदा ही खा जाएगा। उसे लगता है कि मैं यह सब उसके लिए कर रहा हूं। लेकिन यह सब मैं अपने लिए कर रहा हूं। इंसान का खून पी कर मुझे ताकत मिलती है और अब तो मैं इस बूढ़े शरीर से छुटकारा पा जाऊंगा।
सांप :- तांत्रिक मुझे कितने दिनों से तूम बेवकूफ बना रहा थे और मुझे इस धोकेबाज़ी का जरा भी अंदाज नहीं हुआ। अब नहीं मैं सब जान चुका हूं और मैं इसे अपनी इरादों में कभी कामयाब होने नहीं दूंगा।
फिर काला सांप तांत्रिक के पास गया और उसे बोल ?
सांप :- तांत्रिक तूने जो भी कुछ कहा मैंने सब सुन लिया अब यह सब सुनने के बाद मैं तुझे तेरे इरादो में कामयाब होने नहीं दूंगा।
तांत्रिक :- कामयाब तो मैं होकर रहूंगा चाहे जो भी हो जाए और रही बात की मैंने तुझे धोखा दिया और झूठ बोला उसका मुझे कोई अफसोस नहीं क्योंकि यह सब मैंने अपने लिए किया।
सांप :- अब तो सब चीज पता चल गया है तो तुम मेरे शरीर का आधा हिस्सा वापस कर दो।
तांत्रिक :- वो तो मैं तुझे नहीं दूंगा क्योंकि तेरा आधा हिस्सा जब तक मेरे पास है तु मेरा काम करते रहोगे।
काला सांप या सुनकर गुस्से से और ज्यादा काला हो जाता है। क्योंकि वह काला सांप बहुत जहरीला हो चुका था। फिर दोनों आपस में लड़ाई करने लगते हैं। सांप तांत्रिक को काटता है पर तांत्रिक पर उसका कोई असर नहीं होता। लड़ते लड़ते दोनों को सुबह हो जाती है और वह दोनों गांव में पहुंच जाते हैं। तांत्रिक और सांप को लड़ते हुए देखकर पूरा गांव वहां पर इकट्ठा हो जाता है।
सांप :- तूने मुझे इन भोले भाले गांव वालों को मेरे हाथों मरवाया है और तुमने सभी गांव वालों का खून पिया है, मैं तूझे मार डालूंगा और तू कभी अमर नहीं होगा और तू मेरा आधा शरीर दे।
गांव वालों ने तांत्रिक को पहचान चुके थे क्योंकि वह तांत्रिक पहले भी यह सब कर चुका था। इसलिए सभी गांव वालों ने मिलकर तांत्रिक को मार कर गांव से निकाल दिया था।
रामू :- तांत्रिक को अगर इसे जिंदा छोड़ दिया तो वह तीसरी बार ऐसी हरकत करेगा इसलिए हम इस तांत्रिक को हम जिंदा नहीं छोड़ सकते इसे मरना होगा।
तभी आसमान काले बादलों से घिर जाता है और तांत्रिक अपने दोनों हाथों को ऊपर करके अमर होने के लिए मंत्र बोलने लगता है। तभी भूतिया सांप पास में ही पड़े एक कुल्हाड़ी से तांत्रिक के दोनों हाथों को काट देता है। फिर तांत्रिक तड़प तड़प कर मर जाता है। तांत्रिक के मरते ही भूतिया सांप फिर पहले जैसा हो जाता है, फिर वह सांप जंगल लौट जाता है।